सोमवार, 15 अप्रैल 2013

सुरम्य वातावरण और मनमोहक प्राकृतिक दृश्य

राजकीय पशुधन प्रक्षेत्र चक गंजरिया फॉर्म  लखनऊ सुल्तानपुर रोड पर स्थित भूमि  उत्तर प्रदेश पशुपालन विभाग की सम्पति है | यहाँ विभिन्न उन्नति शील प्रजाति की दुधारू गायों का पालन और उन्नतशील पशु वीर्य का संवर्धन किया जाता है | इसके साथ ही यहाँ तमाम ऐसी प्राकृतिक वनस्पतियाँ हैं जो हमारे पर्यावरण को अनुकूल बनाने मे सहायक हैं | इनके बीच में बहुत से ऐसे दुर्लभ प्रजाति के पशु पक्षी है जो विचरण करते रहते है| चूँकि मै हैदरगढ़ से सम्बन्ध रखता हूँ अतैव आये दिन जब सुल्तानपुर रोड से घर की ओर प्रस्थान करता हूँ तो कम से कम आधा घंटा का समय गंजरिया फॉर्म को देखने में जरुर लगता हूँ क्योकि इतना सुरम्य वातावरण और मनमोहक प्राकृतिक दृश्य  है कि यहाँ पर  अनायास ही मेरी गाड़ी रुक जाती है | चुकिं जिस कदर से भू मफियावों ने अपनी कुदृष्टि इस प्राकृतिक सम्पदा पर डाली है उससे मन बड़ा खिन्न रहता था | किन्तु ११ अप्रैल २०१३ का उच्च न्यायलय का निर्णय सुन कर थोडा आस बंधी  है कि शायद उन मूक जानवरों और वृक्षों कि पीड़ा न्याय कि  इजलास तक पहुँच गयी है | सरकार विकाश की अंधी दौड़ में शायद यह भूल गयी है कि  भारत के संविधान  के अनुक्षेद 48  और 48A  के तहत उपबंध है कि कृषि ,पशुपालन एवं पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन तथा वन्य जीवों कि रक्षा करना राज्य का परम कर्तव्य है |