लघु कथा -शीर्षक
:- सौ रुपये
तिवारी जी कार्यालय पहुंचे
ही थे की एक सज्जन आये और अपनी समस्या सुनाने लगे , बाबू जी कई हफ़्तों से दौड़ रहा हूँ
किन्तु मेरा ट्रान्सफर आर्डर नही मिल रहा है
! मैं अधर में पड़ा हूँ ! तिवारी जी ने पूछा कि आप राधेश्याम जी तो नही हैं ! उन्होंने
कहा हाँ - हाँ बाबूजी मै राधेश्याम ही हूँ
! तब तिवारी जी ने बताया कि आपका ट्रान्सफर आर्डर तीन बार रजिस्टर्ड डाक से आपके कार्यालय
भेजा गया है किन्तु आप हमेशा अनुपस्थित रहे , और व्यक्तिगत होने के कारण अन्य किसी
को सुपुर्द नही किया गया ! ये लीजिये अपना ट्रान्सफर आर्डर !
राधेश्याम जी अपना ट्रान्सफर
आर्डर पाकर अति प्रसन्न हुए और झट से सौ रूपये का नोट निकालकर तिवारी जी कि ओर बढ़ाते
हुए बोले अरे बाबूजी ये चाय पानी के लिए रख लीजिये ! तिवारी जी ने जवाब दिया आपका कार्य हो गया आप जाइये "मै
सौ रूपये नही लेता हूँ " ! राधेश्याम जी थोडा सकपकाए और स्वतः संज्ञान लेते हुए
कि शायद ट्रान्सफर आर्डर के लिए सौ रूपये कम है अतैव उन्होंने तुरंत पांच सौ रूपये
का एक नोट निकाला और निवेदन करने लगे अरे बाबूजी इतना बड़ा काम किया है आपने मेरा चाय
- पानी का तो हक बनता ही है ! तब तिवारी जी
ने सरल शब्दों में समझाया "दरअसल बात सौ
या पांच सौ कि नही है मुझे मेरे कार्य का पारिश्रमिक सरकार मासिक वेतन के रूप
में देती है "! रही बात चाय पानी कि उसकी
आपको ज्यादा जरुरत है चूकि आप कई हफ्तों से भाग दौड़ कर रहे हैं ! इतना सुनते ही राधेश्याम
जी अपना ट्रान्सफर आर्डर लेकर वहां से पलायन कर चुके थे !