एक समय था जब लोग कहते थे की जब जिंदगी में कुछ न कर पावो तो वकालत की पढाई कर लो जिंदगी संवर जाएगी | परंतु वर्तमान दौर में यह रूढ़ि उक्ति बदल गई है | अब वकालत का पेशा एक शानदार करियर के रूप में उभर कर सामने आ गया है | आज के बदलते परिवेश में नित नए कानूनों का निर्माण हो रहा है | इन नए नियम - कानून और अधिनियमो की सही समझ होने के लिए कानून की सही और तथ्यपरक जानकारी होना अत्यावश्यक है इसलिए जीवन के सभी क्षेत्रों में विधि विशेषज्ञों की मांग बढ़ गई है ! वर्तमान समय में कानून की स्नातक डिग्री हाशिल करने के बाद युवाओं के लिए सैकड़ों अवसर उपलब्ध है | जिसमें एक सबसे परंपरागत करियर है वकालत करना | वकालत का पेशा प्रारम्भ से ही विद्वता , वैभव एवं सामाजिक प्रतिष्ठा के साथ - साथ समाजसेवा का एक अभिनव क्षेत्र रहा है | आपको यह जान कर आश्चर्य होगा की दुनिया के अधिकांश महान व्यक्तित्व क़ानून के ही छात्र रहे है और उन्होंने अपने करियर की शुरुवात एक एडवोकेट के रूप में की थी , जिसमें आप अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन , पंडित मोतीलाल नेहरू और देशबंधू चितरंजन दास, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जैसे महान लोगों के साथ - साथ आज के दौर में फली एस नरीमन , राम जेठ मलानी , सोली सोराबजी, हरीश साल्वे , के टी एस तुलसी , शांति भूषण और प्रशांत भूषण, कपिल सिब्बल, अरुण जेटली, गोपाल सुब्रमण्यम, मुकुल रोहतगी, अभषेक मनु शंघवी और हरीश शाल्वे जैसे व्यक्तित्वों ने एडवोकेसी के साथ ही समाज के अन्य क्षेत्रों में भी मुकाम हाशिल किया ही | वकालत के अलाया न्यायिक सेवा , व्यापारिक संस्थानोंओ में विधि सलाहकार , लॉ फर्म खोलना , लीगल प्रोसेस आउटसोर्सिंग , विधि पत्रकारिता , तमाम सरकारी विभागों में विधि विशेषज्ञों की भर्ती समय समय पर आती रहती हैं | इन सबके अलाया यदि विधि के क्षेत्र में शोध कार्य किया जाये तो ये भी एक अपर सम्भावनावों वाला क्षेत्र है जिससे विश्वविद्यालयों में अध्यापन का अवसर प्रदान होता है | वर्तमान में तमाम गैर सरकारी संस्थाओं ने विधि के क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर भाग लिया है जिससे ये प्रतीत होता है की एन जी ओ इत्यादि में भी विधि छात्रों को करियर बनाने का बेहतर अवशर मिल सकता है | कानून की पढाई के लिए दो प्रकार के पाठ्य क्रम उपलब्ध हैं जिसमे पहला त्रिवर्षीय कोर्स है जिसे किसी भी स्नातक डिग्री के बाद किए जा सकता है| दूसरा कोर्स है पंचवर्षीय कार्यक्रम है जिसमे बारहवीं के बाद एडमिशन लिया जा सकता है | पञ्च वर्षीय कोर्स के लिए एक अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है जिसमे सफल होने वाले छात्रों को देश के प्रमुख राष्ट्रीय विधि विश्व विद्यालयों में प्रवेश दिया जाता है तो आज जरूरत है एक कुशल कानून के जान कर की जो की भारत के कानूनों को जन- जन के मन तक पहुचाये और लोगों में कानून की समझ का विकास करने में सहायता प्रदान करें | विधि की प्रवेश प्रक्रिया सामान्यतया फरवरी और मार्च माह में प्रारम्भ हो जाती है जिसके लिए तमाम सूचनाएं इन्टरनेट से प्राप्त की जा सकती हैं तथा और विशेष जानकारी के लिए निम्नलिखित ईमेल आई डी पर संपर्क किया जा सकता है .
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- अमित दीक्षित " आदिदेव"
करियर कॉउंसलर एवं डायरेक्टर
आदिदेव करियर कॉउंसलर इंदिरा नगर लखनऊ
Email: Aadidev222@gmail.com, 8960330862, 9453934488https://www.facebook.com/aadidev222


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