मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

प्रेरणा पुरुष श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ।


मित्रों बन्दे मातरम !
भारत रत्न अजर अमर श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की जन्म जयंती पर आप सभी को हार्दिक बधाई ।
मित्रों आज का दिन कई मामलों में बेहद महत्वपूर्ण है । जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज ही के दिन हमारे देश में एक और भरत रत्न का जन्म हुआ था जिनका नाम है महामना मदन मोहन मालवीय । जिन्होंने काशी हिन्दू विद्यापीठ  की स्थापना की जो शिक्षा एवं शोध  की उत्कृश्टता  के लिए विश्व विख्यात  है । आज के दिन का एक और  महत्व है  आज ही के दिन को इशाई समुदाय द्वारा ईशा मसीह जा जन्मोत्सव भारत समेत सम्पूर्ण विश्व में बड़े उल्लास से मनाया जाता है ।
 मित्रों वर्ष 2014  में हमारे लोकप्रिय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में श्री अटल विहारी बाजपेयी जी के जन्म दिवस को शुशासन दिवस के रूप में मानाने का शुभारंभ  किया गया  था तब  से परम्परागत  रूप में यह यह दिन एक राष्ट्रीय पर्व  के रूप में प्रचलित  हो गया  । मित्रों सामान्यतयः शुशासन  का तात्पर्य है गुड  गवर्नेंस अर्थात किसी व्यवस्था या संगठन के अंतर्गत अनुशासन एवं प्रबंधन करना किन्तु श्रद्धेय अटल जी भारत की राजनीति के एक ऐसे अमर पुरुष थे जिनका राजनीतिक करियर लगभग 50 वर्ष से अधिक रहा जिसमें उन्होंने भारत को विश्व पटल पर बहुत ही प्रखर और मुखर रूप से आलोकित करते रहे हैं । अटल बिहारी बाजपेयी जी का अधिकतर समय राजनीति में विपक्ष  में रहा किन्तु अपनी वॉक शैली से एवं पत्रकारिता के विशेष अनुभव से वह सदैव जनहित एवं नए भारत के निर्माण के लिए अनवरत संघर्ष करते रहे और भारतीय राजनीति में बिना किसी राजनीतिक बैक ग्राउंड के तीन बार भारत के  प्रधानमंत्री पद की सपथ लेकर हैट्रिक बना दिया ।
श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी का व्यक्तित्व इतना ऊँचा और विशाल था की वह सभी पडोसी देशों से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध रखने में विश्वास रखते थे तथा साथ ही ईंट का जबाब  पत्थर से देना जानते थे । भारत के पडोसी देशों के सम्बन्ध में उनकी एक प्रमुख उक्ति थी " हम मित्र बदल सकते हैं पडोसी नहीं " अतैव हमारे पडोसी चाहे वो गावँ, घर या मोहल्ले का हो अथवा अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हमें सौहार्द पूर्ण सम्बन्ध रखने चाहिए । मित्रों आज अटल जी की जन्म - जयंती को सुशासन के रूप में मानाने की कई वजहें सामने दिखाई दे रही हैं जिन पर चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है । वर्तमान  समय में जिस प्रकार आरोप - प्रत्यारोप की राजनीति इस प्रकार से हावी हो रही है कि जनकल्याण एवं समाजसेवा के लिए चिर - परिचित राजनीति में सुचिता का लोप होता चला जा रहा है ।
हमे इस सुचिता को बनाये रखने और समृद्ध करने कि लिए अटल जी को करीब से जानना होगा तथा स्वच्छ एवं कल्याणकारी राजनीति को नई दिशा प्रदान करना होगा । वर्तमान समय का अधिकतर युवा निजी स्वार्थों को साधने वाले गुमराह नेताओं की अगुआई में समय - समय पर भरे समाज में या सोशल मीडिया पर ऐसे - ऐसे ओंछे और भद्दे टीका टिप्पणियां करने लगते हैं जो कि समाज को तोड़ने का कार्य कर  रही हैं ।
आज के युवाओं को इस ओछी राजनीति और उत्श्रृंखल कृत्यों से बचना चाहिए तथा किसी संगठन / राजनीतिक पार्टी / धार्मिक विचार के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करें तो मर्यादा में रहकर शालीनता पूर्वक प्रतिक्रिया देनी चाहिए । यह सच है कि सभी व्यक्ति एक विचार के नहीं हो सकते किन्तु विचारों कि समानता न होने की दशा मतभेद होना  चाहिए मनभेद नहीं ऐसा अटल जी का मानना  था । दोस्तों विशेष रूप से युवाओं से मेरा विनम्र आग्रह है कि अटल जी कि विचार धारा का अनुसरण कर भारत कि राजनीतिक सुचिता को सर्वोत्कृष्ट बनाये एवं दिशा हीन  राजनीति से हटकर एक परिपक्व विचारधारा के अनुगामी बनें साथ ही नवयुवक   व नवयुवतियों से ये भी आग्रह करेंगे कि यदि आपकी विचारधारा समाज सेवा एवं जनकल्याण की है तो आपको अपनी शिक्षा पूरा करके किसी भी राष्ट्रीय विचारधारा की पार्टी के साथ करियर कि शुरुआत करें ।   वर्तमान समय में प्रत्येक युवा व्यक्ति के लिए श्री अटल जी एक प्रेरणा पुरुष हैं ।
मित्रों आवो हम सब मिलकर संकल्प लें कि भारत को समृद्ध सुशिक्षित एवं गौरवशाली बनाने कि लिए कटिबद्ध होने की तथा अटल जी के जीवन  से प्रेरणा प्राप्त कर नए भारत के निर्माण में तन - मन - धन न्योछावर करें । जय हिन्द जय भारत ।
जय जवान जय किसान जय विज्ञान ।

रविवार, 29 अप्रैल 2018

असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो ।

मित्रों
यू पी बोर्ड परीक्षा के परिणाम लगभग सभी को प्राप्त हो गए होंगे । मैं सबसे पहले असफल छात्रों को बताना चाहूंगा कि वे बिल्कुल निराश मत होवें, पास - फेल, और हार जीत का उतार - चढ़ाव ही जीवन का नाम है । अगर आप को असफलता हाथ लगी है तो निश्चित रूप से  आपको सुधार की आवश्यकता है, अपनी  रणनीति में बदलाव के साथ पुनः प्रयास करें । जब तक हम अपनी कमियों को छुपायेंगे तब तक सुधार सम्भव नही है । किसी विद्वान ने कहा है- "काबिले तारीफ और बुलंद मकसद में नाकामयाब रहना भी कम काबिले तारीफ नही होता ।"
सभी सफल छात्रों को बहुत बहुत बधाई । सभी उत्तीर्ण छात्रों से अपेक्षा है कि अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चुनाव करें और उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होवें। सफलता और असफलता के बीच बस नज़रिये का फांसला है, हमे अपना नजरिया  हमेंशा सकारात्मक ही रखना चाहिए  चाहे  जितना विषम परिस्थिति हो । नज़रिया बदलो नज़ारा  खुद ही बदल जायेगा । मेरा मानना है हम दूसरों के लिए जो सोंचते  हैं वही खुद के निष्पादन पर प्रदीप्त होता है । यदि हम समन्वित रूप से सबको साथ लेकर चलते हैं तो परिणाम लाभप्रद और सुखद होते है और यदि हम सब कुछ अकेले ही हासिल करना चाहते हैं तो परिणाम कष्ट प्रद और सफलता मीलो दूर हो जाती है ।
प्रख्यात विद्वान बाबू श्याम सुंदर ने कहा है-  सफलता सार्वजनिक उत्सव है और असफलता व्यक्तिगत शोक ।
अमित दीक्षित"आदिदेव"
आदिदेव वेलफेयर फॉउंडेशन
फोन:05224042483,
मो.9453934488

शुक्रवार, 26 जनवरी 2018

गणतंत्र दिवस के पुनीत अवसर पर हार्दिक बधाई |||

आप सभी मित्रों को गणतंत्र दिवस के पुनीत अवसर पर हार्दिकबधाई । हमारा गणतंत्र निरंतर सशक्त बना रहे यही हमारा प्रयास होना चाहिए । प्रत्येक भारतवासी को इस बात का संकल्प लेना चाहिए कि हमारे संविधान ने जो अधिकार प्रदान किये है उसके सापेक्ष हमारे कर्तव्यों का भी बड़ा महत्व है जिसका हमे ध्यान पूर्वक पालन करना होगा तभी एक नए भारत की संकल्पना को आकार मिलेगा । हमे समाज के सभी व्यक्तियो के साथ भेदभाव से ऊपर उठकर समानता एवं भाईचारे का व्यवहार ही देश को प्रगति प्रदान करेगा । 

सेमिनार: विषय : हमारे बच्चे विद्यालयों में कितने सुरक्षित है ???

सेमिनार:

विषय : हमारे बच्चे विद्यालयों में कितने सुरक्षित है ???
आदिदेव वेलफेयर फाउंडेशन एवं आई0 ए0 एस० नेक्स्ट संस्थान के तत्वावधान में वर्तमान समय में गंभीर समस्या बन चुके सामाजिक विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका मुख्य विषय वर्तमान समय में विद्यालयों में बच्चों पर हो रहे हिंसात्मक प्रहार पर चिंता व्यक्त की गयी ।
सेमिनार में मुख्य अतिथि श्री डी० के o त्रिपाठी जी ने अपने विचार प्रस्तुत किया बच्चों पर हो रहे प्रहार पर सामाजिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर चर्चा की । विशिष्ट अतिथि श्री शिवम् शुक्ला जी ने बच्चों में नैतिक शिक्षा की कमी और काउन्सलिंग के आभाव की बात कही श्री शुक्ला जी ने आज के समाज में जोइंट फॅमिली में न रहने और अभिभावकों में निगरानी के आभाव पर ध्यान केंद्रित किया । आई0 ए0 एस० नेक्स्ट संस्थान की छात्रा वर्तिका अस्थाना ने विगत वर्षों में और वर्तमान समय में बच्चों पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की । 
फाउंडेशन के सचिव श्री मानस जी ने वर्तमान समय में चलने वाले हिंसात्मक धारावाहिक और मोबईल कल्चर को भी इसका एक प्रमुख कारण बताया ।
सेमीनार में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने - अपने विचार रखे और विद्यालयों में पैदा हो रहे असुरक्षित माहौल के कारण और निवारण पर चर्चा की गयी । 
सेमिनार में शामिल विद्वानों ने आज के दिन को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में भी सेलिब्रेट किया और लोगों को मतदान के महत्व और मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया की जानकारी दी गयी।