सोमवार, 16 जनवरी 2023

दोस्तों नमस्कार, 

आशा है आप सभी अच्छे होंगे और और नए भारत के निर्माण में अनवरत सेवारत होंगे | आज हम विशेष रूप से बात करेंगे स्टार्टअप इंडिया की, दोस्तों स्टार्टअप इंडिया कहने को तो एक स्लोगन मात्र है और इसके कुछ राजनीतिक उद्देश्य हो सकते हैं, किन्तु हमे इस शब्द को वृहद् रूप में देखने की जरुरत है | विगत १४ वर्षो से मैं लाइफ कोच के रूप में करियर गाइड, रिक्रूटमेंट और कॉउंसलिंग का कार्य कर रहा हूँ हमने पाया है की अधिकतर पढ़े लिखे व्यावसायिक डिग्री धारी लोग व्यापार के असफल हो जाने के डर से इसकी शुरुआत नहीं करतें, जबकि लाखों कम शिक्षित लोग वर्षों से अपने व्यापार को कड़ी मेहनत और एकाग्रता से करते हुए हजारों लोगों के लिए रोजगार सृजन का कार्य करते हैं, मुख्य रूप से मेरा यही कहना है की जब तक देश का युवा सृजनात्मकता के साथ रोजगार सृजन का कार्य नहीं करेगा तब तक हम न तो खुद का उद्धार कर पाएंगे न समाज का अतः आप सभी युवओं से आवाहन है की भारत को मजबूत करने का एक ही रास्ता है और वो है आर्थिक मजबूती, ये तभी सम्भव है जब आप स्वरोजगार को बढ़ावा दें, तो अब देर किस बात की आज से ही शुरुआत करें, नए व्यापार की, शुरुआत कैसे करें, कौन सा व्यापार शुरू करें, बिना पूजी के व्यापार कैसे करें ऐसे तमाम सवालों के लिए आप हमारी टीम से ईमेल या व्हाट्सप्प द्वारा संपर्क कर सकते है |

शुक्रवार, 20 दिसंबर 2019

नागरिकता संसोधन अधिनियम (CAA) भारत व भारतीयों के हित में है ।

मित्रों नमस्कार ।
मैं पिछले एक सप्ताह से देख रहा हूँ भारत मे विभिन्न शहरों में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)  का विरोध प्रदर्शन हो रहा है । एक लोकतांत्रिक देश मे किसी भी तरह की असहमति के लिए अभिव्यक्ति की आज़ादी है । जो भी लोग सरकार या समाज के किसी मामले से असहमत हो तो वे बेसक अपनी बात रख सकते है किन्तु मैं उन सभी आंदोलनकारियों से कहना चाहता हूँ कि किसी भी विषय पर अपने विचार रखने के लिए या उसका समर्थन या विरोध करने से पहले उस विषय का बारीकी से अध्ययन करना चाहिए । 
वर्तमान समय मे जो विरोध प्रदर्शन हो रहे है इसमें सबसे दुखद तो ये है कि किसी को मुद्दा ही नही पता है और मार काट पर उतारू हैं । सभी प्रदर्शन कारी दुहाई तो गांधी जी के विचारों की करते है किंतु काम हिंसात्मक और अशांति पूर्ण कर रहे हैं । ये कृत्य देश हित मे नही है ।
मित्रों मैं नागरिकता संशोधन अधिनियम के सन्दर्भ में समाचारों में देख रहा हूँ कि तमाम विपक्षी पार्टी के छुटभैय्ये नेता भी आग उगलने का कार्य कर रहे हैं जबकि इन प्रदर्शनों में एकत्रित होने वाली भीड़ को किसी विषय विशेष का तनिक भी ज्ञान नही है । 
नागरिकता संशोधन अधिनियम का मूल उद्देश्य भारत के उन पड़ोसी देशों जो भारत से ही विभाजित होकर बने है के  शोसित अल्पसंख्यक परिवारों को नागरिकता प्रदान करना है ।
इस अधिनियम में कोई भी ऐसी बात नही है जो वर्तमान भारतीय नागरिकों के किसी भी अधिकार को क्षति पहुचा रहा है ।
अतैव मैं सभी भारतीयों से विनम्र आग्रह करता हूँ कि कृपया करके सभी युवा जन मिलकर भारत के विकास में सहयोग करें । किसी भी तरह की भ्रामक सूचना से बहकावे में न आएं । हमारा देश इस समय करवट बदल रहा है। नए भारत की ओर अग्रसर हो रहा है आप सभी इसमे सकारात्मक योगदान करें । 
जय हिंद जय भारत। 

जय हिंद जय भारत। 
अमित दीक्षित"आदिदेव"
अधिवक्ता
माननीय उच्च न्यायालय 
खंडपीठ लखनऊ उत्तर प्रदेश ।

बुधवार, 2 अक्टूबर 2019

स्वतंत्रता से भी ज्यादा जरूरी है स्वच्छता।



मित्रो नमस्कार ।
आज हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी की 150 वीं जन्म जयंती है ।  आज ही के दिन हमारे देश मे एक और महापुरुष का जन्म हुआ था जिनका नाम है लाल बहादुर शास्त्री जी । आज शास्त्री जी की  116 वीं जन्म जयंती है । शास्त्री जी न सिर्फ हमारे देश के द्वितीय प्रधानमंत्री थे साथ ही एक सच्चे ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति थे जिन्होंने भारत देश की अंतिम सांस तक सेवा की । शास्त्री जी ने जब देश के आम जन-मानस व अन्नदाता किसानों में निराशा का भाव देखा तो सभी को एकीकृत करने के लिए जय जवान , जय किसान का नारा दिया जो कि आज भी सभी भारतीय गर्व से उच्चारित करते हैं । ये भी बड़े गर्व की बात है कि शास्त्री जी महात्मा गांधी जी के प्रिय शिष्य थे । मुझे ये कहने में कोई संदेह नही है कि पूरा विश्व आज इस अवसर पर गर्व महसूस कर रहा है । 
मित्रों महात्मा गांधी जी ने न सिर्फ भारत को आजाद कराया अपितु विश्व के अन्य देशों में भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई । आज तमाम ऐसे अंतरराष्ट्रीय व्यक्तित्व है जिन्होंने गांधी जी के बताए सत्य अहिंसा के मार्ग पर चल कर अपने  देश को एक नई दिशा प्रदान कर पाने में सफल हुए । गांधी जी की दूरदृष्टा सोंच का सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि तकनीकी के इस युग में आज भी गांधी जी की प्रासंगिकता उतनी  ही महत्वपूर्ण है ।
मित्रों हम सभी युवा जनों को गांधी जी को और करीब से जानने की जरूरत है जिसके लिये गांधी जी की आत्मकथा आपको निश्चित रूप से सहायता करेगी  क्योंकि हमारे समाज मे गांधी जी से जुड़े कुछ प्रसंग ही प्रचलित है जैसे कि गांधी जी के तीन बंदर, गांधी जी की गुड़ न खाने की सलाह तथा गांधी जी का समय की पाबंदी का दृष्टांत इत्यादि । 
मित्रों हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी ने गांधी जी के तमाम ऐसे महत्वपूर्ण विषयों को समाज मे प्रस्तुत किया है जो कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन मे उतारना अत्यावश्यक है । जैसे कि स्वच्छता का विषय है इस विषय मे हमारे देश मे जन - जन में व्यक्तिगत स्वच्छता का बहुत ही उन्नतशील स्वरूप सम्मिलित है किंतु दुख का विषय है कि सार्वजनिक स्वच्छता हमारे व्यवहार में अभी पूर्ण रूप से समाहित नही हो पाई है। अतैव हमें स्वच्छता को न सिर्फ घर के अंदर बल्कि समाज के हर वर्ग और स्थान पर ध्यान रखना होगा 
तभी हम स्वस्थ्य समाज का निर्माण कर सकते हैं। मित्रो स्वच्छता से भी बड़ा एक मुद्दा है सेवा । गांधी जी ने अपने जीवन मे बहुत सारे ऐसे प्रयोग किये हैं जो हम सभी के लिए आदर्श हैं । गांधी जी ने निर्बलों, निर्धनों व छुआछूत के भेदभाव को मिटाकर सभी की समान सेवा का संदेश दिया है । गांधी जी हमेशा साधन की अपेक्षा साध्य की ओर ले जाने का संदेश देते रहे जिससे हमें आत्मनिर्भर होने की प्रेरणा मिलती है । दोस्तों हमे अपने असपास के समाज मे स्वच्छता, स्वदेशी, स्वरोजगार व स्वावलंबन के गांधी जी के सिद्धान्तों के आधार पर सदैव राष्ट्र निर्माण में अनवरत सेवारत रहना चाहिए ।
- अमित दीक्षित "आदिदेव"
अध्यक्ष 
आदिदेव वेलफेयर फॉउंडेशन
"शिक्षित भारत-समृद्ध भारत" 
निदेशक
आदिदेव कैरियर कॉउंसेलर प्राइवेट लिमिटेड
            "करो सलाह-रहो आगाह"

गुरुवार, 21 मार्च 2019

होली गीत

।। होली गीत ।।
नवरंग खिले नव,नव कमल खिले।
नव संवत्सर का आगाज़ हुआ ।।
अपने   स्नेहिल   स्वजनों    से ।
मिलने का अवसर आज हुआ ।।
हम सबका करते हैं अभिनंदन ।
माथे  पर   टीका   और  चंदन ।।
होली   की   पावन    वेला पर ।
नव   संवत्सर के  अवसर पर ।।
है आदिदेव की अरदास सभी से।
मिलजुल कर करो प्रयास अभी से ।।
ये   कमल हमारा खिला रहे ।
कंधे   से    कंधा   मिला रहे ।।
यह होली महज त्यौहार नही ।
गंगा    यमुना का संगम   है ।।
आपस     मे   भाई   चारे का ।
आया यह स्वर्णिम अवसर है ।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपको सपरिवार रंगों के त्यौहार होली की हार्दिक बधाइयाँ ।।।
अमित दीक्षित "आदिदेव"
संस्थापक/अध्यक्ष
आदिदेव वेलफेयर फाउंडेशन ।।
आदिदेव करियर कॉउंसेलर ।।
आदिदेव पब्लिक लाइब्ररी ।।

शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

भारतीय गणतंत्र की 70वीं वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई ।

जय हिंद दोस्तों ।
आप सभी को भारतीय गणतंत्र की 70वीं वर्षगाँठ पर हार्दिक बधाई ।
               दोस्तों मेरा हमेशा से एक आग्रह रहा है कि जिस प्रकार हमारे देश मे मूल अधिकारों की मांग के लिए आंदोलन होते है ठीक इसी  प्रकार नागरिकों को संविधान में दिए गए मूल कर्तव्यों की अनुभूति बहुत आवश्यक है । प्रत्येक नागरिक को देश के प्रति अपने मूल कर्तव्यों को अवश्य निभाना चाहिए तभी सच्चे अर्थों में  गणतंत्र की सार्थकता सिध्द होगी ।
जय हिंद जय भारत ।

मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

प्रेरणा पुरुष श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ।


मित्रों बन्दे मातरम !
भारत रत्न अजर अमर श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की जन्म जयंती पर आप सभी को हार्दिक बधाई ।
मित्रों आज का दिन कई मामलों में बेहद महत्वपूर्ण है । जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज ही के दिन हमारे देश में एक और भरत रत्न का जन्म हुआ था जिनका नाम है महामना मदन मोहन मालवीय । जिन्होंने काशी हिन्दू विद्यापीठ  की स्थापना की जो शिक्षा एवं शोध  की उत्कृश्टता  के लिए विश्व विख्यात  है । आज के दिन का एक और  महत्व है  आज ही के दिन को इशाई समुदाय द्वारा ईशा मसीह जा जन्मोत्सव भारत समेत सम्पूर्ण विश्व में बड़े उल्लास से मनाया जाता है ।
 मित्रों वर्ष 2014  में हमारे लोकप्रिय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में श्री अटल विहारी बाजपेयी जी के जन्म दिवस को शुशासन दिवस के रूप में मानाने का शुभारंभ  किया गया  था तब  से परम्परागत  रूप में यह यह दिन एक राष्ट्रीय पर्व  के रूप में प्रचलित  हो गया  । मित्रों सामान्यतयः शुशासन  का तात्पर्य है गुड  गवर्नेंस अर्थात किसी व्यवस्था या संगठन के अंतर्गत अनुशासन एवं प्रबंधन करना किन्तु श्रद्धेय अटल जी भारत की राजनीति के एक ऐसे अमर पुरुष थे जिनका राजनीतिक करियर लगभग 50 वर्ष से अधिक रहा जिसमें उन्होंने भारत को विश्व पटल पर बहुत ही प्रखर और मुखर रूप से आलोकित करते रहे हैं । अटल बिहारी बाजपेयी जी का अधिकतर समय राजनीति में विपक्ष  में रहा किन्तु अपनी वॉक शैली से एवं पत्रकारिता के विशेष अनुभव से वह सदैव जनहित एवं नए भारत के निर्माण के लिए अनवरत संघर्ष करते रहे और भारतीय राजनीति में बिना किसी राजनीतिक बैक ग्राउंड के तीन बार भारत के  प्रधानमंत्री पद की सपथ लेकर हैट्रिक बना दिया ।
श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी का व्यक्तित्व इतना ऊँचा और विशाल था की वह सभी पडोसी देशों से मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध रखने में विश्वास रखते थे तथा साथ ही ईंट का जबाब  पत्थर से देना जानते थे । भारत के पडोसी देशों के सम्बन्ध में उनकी एक प्रमुख उक्ति थी " हम मित्र बदल सकते हैं पडोसी नहीं " अतैव हमारे पडोसी चाहे वो गावँ, घर या मोहल्ले का हो अथवा अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हमें सौहार्द पूर्ण सम्बन्ध रखने चाहिए । मित्रों आज अटल जी की जन्म - जयंती को सुशासन के रूप में मानाने की कई वजहें सामने दिखाई दे रही हैं जिन पर चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है । वर्तमान  समय में जिस प्रकार आरोप - प्रत्यारोप की राजनीति इस प्रकार से हावी हो रही है कि जनकल्याण एवं समाजसेवा के लिए चिर - परिचित राजनीति में सुचिता का लोप होता चला जा रहा है ।
हमे इस सुचिता को बनाये रखने और समृद्ध करने कि लिए अटल जी को करीब से जानना होगा तथा स्वच्छ एवं कल्याणकारी राजनीति को नई दिशा प्रदान करना होगा । वर्तमान समय का अधिकतर युवा निजी स्वार्थों को साधने वाले गुमराह नेताओं की अगुआई में समय - समय पर भरे समाज में या सोशल मीडिया पर ऐसे - ऐसे ओंछे और भद्दे टीका टिप्पणियां करने लगते हैं जो कि समाज को तोड़ने का कार्य कर  रही हैं ।
आज के युवाओं को इस ओछी राजनीति और उत्श्रृंखल कृत्यों से बचना चाहिए तथा किसी संगठन / राजनीतिक पार्टी / धार्मिक विचार के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करें तो मर्यादा में रहकर शालीनता पूर्वक प्रतिक्रिया देनी चाहिए । यह सच है कि सभी व्यक्ति एक विचार के नहीं हो सकते किन्तु विचारों कि समानता न होने की दशा मतभेद होना  चाहिए मनभेद नहीं ऐसा अटल जी का मानना  था । दोस्तों विशेष रूप से युवाओं से मेरा विनम्र आग्रह है कि अटल जी कि विचार धारा का अनुसरण कर भारत कि राजनीतिक सुचिता को सर्वोत्कृष्ट बनाये एवं दिशा हीन  राजनीति से हटकर एक परिपक्व विचारधारा के अनुगामी बनें साथ ही नवयुवक   व नवयुवतियों से ये भी आग्रह करेंगे कि यदि आपकी विचारधारा समाज सेवा एवं जनकल्याण की है तो आपको अपनी शिक्षा पूरा करके किसी भी राष्ट्रीय विचारधारा की पार्टी के साथ करियर कि शुरुआत करें ।   वर्तमान समय में प्रत्येक युवा व्यक्ति के लिए श्री अटल जी एक प्रेरणा पुरुष हैं ।
मित्रों आवो हम सब मिलकर संकल्प लें कि भारत को समृद्ध सुशिक्षित एवं गौरवशाली बनाने कि लिए कटिबद्ध होने की तथा अटल जी के जीवन  से प्रेरणा प्राप्त कर नए भारत के निर्माण में तन - मन - धन न्योछावर करें । जय हिन्द जय भारत ।
जय जवान जय किसान जय विज्ञान ।

रविवार, 29 अप्रैल 2018

असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो ।

मित्रों
यू पी बोर्ड परीक्षा के परिणाम लगभग सभी को प्राप्त हो गए होंगे । मैं सबसे पहले असफल छात्रों को बताना चाहूंगा कि वे बिल्कुल निराश मत होवें, पास - फेल, और हार जीत का उतार - चढ़ाव ही जीवन का नाम है । अगर आप को असफलता हाथ लगी है तो निश्चित रूप से  आपको सुधार की आवश्यकता है, अपनी  रणनीति में बदलाव के साथ पुनः प्रयास करें । जब तक हम अपनी कमियों को छुपायेंगे तब तक सुधार सम्भव नही है । किसी विद्वान ने कहा है- "काबिले तारीफ और बुलंद मकसद में नाकामयाब रहना भी कम काबिले तारीफ नही होता ।"
सभी सफल छात्रों को बहुत बहुत बधाई । सभी उत्तीर्ण छात्रों से अपेक्षा है कि अपनी रुचि के अनुसार विषयों का चुनाव करें और उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर होवें। सफलता और असफलता के बीच बस नज़रिये का फांसला है, हमे अपना नजरिया  हमेंशा सकारात्मक ही रखना चाहिए  चाहे  जितना विषम परिस्थिति हो । नज़रिया बदलो नज़ारा  खुद ही बदल जायेगा । मेरा मानना है हम दूसरों के लिए जो सोंचते  हैं वही खुद के निष्पादन पर प्रदीप्त होता है । यदि हम समन्वित रूप से सबको साथ लेकर चलते हैं तो परिणाम लाभप्रद और सुखद होते है और यदि हम सब कुछ अकेले ही हासिल करना चाहते हैं तो परिणाम कष्ट प्रद और सफलता मीलो दूर हो जाती है ।
प्रख्यात विद्वान बाबू श्याम सुंदर ने कहा है-  सफलता सार्वजनिक उत्सव है और असफलता व्यक्तिगत शोक ।
अमित दीक्षित"आदिदेव"
आदिदेव वेलफेयर फॉउंडेशन
फोन:05224042483,
मो.9453934488